लिंग - जिस शब्द से पुरुष जाति या स्त्री जाति का बोध हो, उसे लिंग कहते हैं। (हिंदी में सजीव के अलावा निर्जीव और भाव को भी पुरुष जाति अथवा स्त्री जाति में रखा गया है) लिंग के भेद- हिंदी में लिंग के दो भेद हैं। 1. पुलिंग - जिस शब्द से पुरुष जाति का बोध हो, उसे पुलिंग कहते हैं। जैसे:- सजीव - श्याम, पिता, ऊंट, हाथी, बैल इत्यादि। निर्जीव - नेत्र, तारा, ऊख, पवन, पैर, शरीर इत्यादि। भाव - प्रातः, बुढ़ापा, बचपन, अपनत्व इत्यादि। 2. स्त्रीलिंग - जिस शब्द से स्त्री जाति का बोध हो उसे स्त्रीलिंग कहते हैं। जैसे:- सजीव - राधा, गोरी, गाय, माता, घोड़ी इत्यादि। निर्जीव - इमारत, केस, पुस्तक, पेन इत्यादि। भाव - खटास, मिठास, ईमानदारी, सांस इत्यादि। लिंग निर्णय:- लिंग निर्णय में वाक्य छोटे एवं सरल रखें। ऐसा वाक्य न बनाएं, जिससे लिंग निर्णय स्पष्ट ना हो। यह एक विद्यालय है। यह एक गाय है। उपर्युक्त वाक्य सभी शुद्ध हैं, लेकिन लिंग निर्णय की दृष्टि से अशुद्ध हैं। क्योंकि वाक्य से विद्यालय / गाय पुलिंग है या स्त्रीलिंग स्पष्ट नहीं हो रहा है। * वाक्य प्रयोग द्वारा लिंग निर्णय ...