* शब्दों के आधार एवं वर्गीकरण * * Base and classification of words* * शब्द की रचना प्रायः चार प्रकार से होती है।
हिन्दी व्याकरण Hindi grammar:
* "Grammar is that scripture by whose reading a man learns to write, read and speak clearly."
There are mainly three types of Hindi grammar:
* "व्याकरण वह शास्त्र है जिसके पढ़ने से मनुष्य स्पष्ट रूप से लिखना, पढ़ना और बोलना सीखता है।"
हिन्दी व्याकरण के मुख्यतः तीन भेद हैं :
1. वर्ण-विचार । Character-Idea
2. शब्द-विचार । Word-idea
3. वाक्य-विचार। Sentence-idea.
1. शब्द-विचार Word-idea
* व्याकरण के जिस भाग में शब्दों के भेद, अवस्था और व्युत्पत्ति का वर्णन हो, उसे शब्द-विचार कहा जाता है।
* शब्द: वर्णों और मात्राओं के मेल से बनते हैं।
* वर्णों के मेल से बने सार्थक वर्ण समूह को शब्द कहते हैं।
[ The part of grammar in which the distinction, condition and etymology of words is described is called word-idea.
* Words: formed by the combination of letters and quantities.
* A meaningful group of letters formed by the combination of letters is called a word.]
-------------------*---------------------
* शब्दों के आधार एवं वर्गीकरण *
(Base and classification of words)
* शब्द की रचना प्रायः चार प्रकार से होती है।
(Words are usually formed in four ways)
1. अर्थ की दृष्टि से,
(From the point of view of meaning,)
2. व्युत्पत्ति (रचना) की दृष्टि से,
(From the point of view of etymology,)
3. उत्पत्ति की दृष्टि से,
(From the point of view of origin,)
4. प्रयोग की दृष्टि से ।
(From the point of view of experiment.)
-------------------*---------------------
1. अर्थ की दृष्टि से,
From the point of view of meaning
[1]अर्थ की दृष्टि से शब्दों के दो भेद होते हैं
[There are two types of words in terms of meaning.]
1. सार्थक. Meaningful.
2. निरर्थक. Meaningless. (pointless)
1) सार्थक शब्द:- वह शब्द जिसका स्वयं कुछ अर्थ हो, उन्हें सार्थक शब्द कहते है।
जैसे--माता, पिता, विद्या, भाई, छात्र, शरीर आदि।
Meaningful words:- The words which have some meaning in themselves are called meaningful words.
For example- mother, father, education, brother, student, body etc.
2) निरर्थक शब्द:- वह शब्द जिसका कोई अर्थ नहीं होता, उन्हें निरर्थक शब्द कहते है। जैसे-नप,मट,लप,तफ आदि।
Meaningless words:- The words which do not have any meaning are called meaningless words. Such as np, mt, lp, tf etc.
--------------------*---------------------
2. व्युत्पत्ति (रचना) की दृष्टि से,
From the point of view of etymology,
[2] व्युत्पत्ति (रचना) की दृष्टि से शब्दों के तीन भेद होते हैं।
1. रूढ़,. roodh-word
2. यौगिक. yaugik-word
3. योगरूढ़ । yogaroodh-word
1) रूढ़:- जिस शब्द के कोई खण्ड सार्थक न हो, उसे 'रूढ़-शब्द' कहते है।
जैसे—'रट' शब्द है। इसका खण्ड 'र' और 'ट' का अलग-अलग कोई अर्थ नहीं है, अतः यह रूढ़ शब्द है। इसी तरह नाक,कान,पीला आदि रूढ़ शब्द हैं।
[ Roodh-word: A word in which no clause is meaningful is called a 'roodh-word'.
For example, the word 'rt' is there. Its clauses 'R' and 't' have no meaning separately, hence it is a customary word. Similarly, nose, ear, yellow etc. are customary words.]
2) यौगिक:- जिस शब्दों के सभी खण्ड सार्थक हो, उसे 'यौगिक शब्द' कहते है। जैसे- 'घरवाला' शब्द है। 'घर' और 'वाला' इसके दो खण्ड हैं। दोनों खण्डों का अर्थ है, अतः यह शब्द यौगिक है।
[ Yaugik-word: The words in which all the clauses are meaningful are called 'yaugik-words'.
For example, the word 'householder'. 'Ghar' and 'Vala' are its two sections. The meaning of both the clauses is , hence the word is yaugik-word.]
3) योगरूढ़:- जो शब्द अपने सामान्य अर्थ को छोड़कर विशेष अर्थ पैदा करते हो, उसे 'योगरूढ़ शब्द' कहते हैं।
जैसे- पंकज, जलज, लंबोदर चक्रपाणि आदि।
[ Words which create a special meaning other than their general meaning, are called 'Yogrudha words'.
For example, Pankaj, Jalaj, Lambodar Chakrapani etc.]
-------------------*---------------------
3. उत्पत्ति की दृष्टि से,
(From the point of view of origin,)
उत्पत्ति की दृष्टि से शब्दों के चार भेद होते हैं।
[ There are four distinctions of words from the point of view of origin.]
1.तत्सम Tatsam.
2. तद्भव. Tadbhav.
3. देशज. Deshaj.
4. विदेशज। Videshaj
1) तत्सम:- संस्कृत के मूल शब्द जो ठीक उसी रूप में हिन्दी में प्रयुक्त होते हैं । उसे तत्सम शब्द कहते है। जैसे- वृक्ष,पंक, ग्राम, चन्द्र,पंच, पशुर,अश्रु, रात्रि, अग्नि, मयूर, नव, मध्य आदि।
Tatsam: The root words of Sanskrit which are used in the same form in Hindi. It is called a Tatsam.
For example, tree, punk, village, moon, panch, animal, tear, night, fire, peacock, new, middle etc.
2) तद्भव:- संस्कृत के वे शब्द जो रूपान्तरित होकर हिन्दी में मिला हैं। ऐसे विकृत संस्कृत और प्राकृत शब्दों को तद्भव कहा जाता है। जैसे—हाथ, दूध, आग, नौ, चार, पीला, शाम, ऊँट,बाघ, भालू, सियार, सूखा, पीपर, दही, घी, सूरज आदि।
Tadbhava: Those Sanskrit words which got converted into Hindi. Such distorted Sanskrit and Prakrit words are called Tadbhava.
For example, hand, milk, fire, nine, four, yellow, evening, camel, tiger, bear, jackal, dry, pepper, curd, ghee, sun etc.
3) देशज : जो शब्द देश के अन्दर बोल-चाल की भाषा से लिये गये हैं, देशज कहा जाता है। जैसे-चिड़िया, जूता, तेन्दुआ, कलई, पगड़ी आदि।
Deshaj: The words which have been taken from the language spoken within the country are called Deshaj (indigenous).
For example, bird, shoe, leopard, turban, etc.
4) विदेशज : जो शब्द विदेशी भाषाओं से हिन्दी में मिल गये हैं, उन्हें विदेशज कह जाता है। जैसे-स्कूल, टेबुल, लैम्प, माइल, टिकट, स्टेशन, अफसोस, यादगार, रंग, रोगन, अदा, अजब, अमीर, गरीब, गैरत, दुकान, बाल्टी,किरानी, किताब, कलम, लीची, आलमारी आदि ।
Videshaj: The words which have been mixed in Hindi from foreign languages are called Videshaj.
For example: school, table, lamp, mile, ticket, station, regret, memorabilia, color, lacquer, adoration, strange, rich, poor, poor, shop, bucket, Grocery, book, pen, litchi, cupboard etc.
-------------------*---------------------
4. प्रयोग की दृष्टि से ।
(From the point of view of experiment.)
प्रयोग (व्यवहार)की दृष्टि से शब्दों के आठ भेद होते हैं।
There are eight types of words in terms of usage (behavior).
1. संज्ञा Noun
2. सर्वनाम Pronoun
3. विशेषण Adjective
4. क्रिया. Verb
5. क्रिया-विशेषण, AdVerb
6. संबंधबोधक,. Preposition
7. समुच्चयबोधक Conjunction
8. विस्मयादिबोधक. Interjection
1) संज्ञा:- किसी व्यक्ति, वस्तु या स्थान के नाम को संज्ञा कहा जाता है। जैसे—राम, सीता, कृष्ण, घर, गाय, घोड़ा, जमीन आदि।
Noun:- The name of a person, thing or place is called a noun.
For example: Ram, Sita, Krishna, house, cow, horse, land etc.
2) सर्वनाम:- जिस शब्द का प्रयोग संज्ञा के बदले में होता है, उसे सर्वनाम कहते है। जैसे-मैं, हम, तुम, वह, वे, आप आदि।
Pronoun:- The word which is used in place of noun is called pronoun.
For example: I, We, You, He, They, You etc.
3) विशेषण:- जो शब्द संज्ञा एवं सर्वनाम की विशेषता बताते हैं, उन्हें विशेषण कहा जाता है। जैसे-लाल, काला, पीला, अच्छा, बुरा आदि।
Adjectives:- Words which describe the characteristics of nouns and pronouns are called adjectives.
For example: red, black, yellow, good, bad etc.
4) क्रिया:- जिन शब्दों से करना या होना समझा जाय, उन्हें क्रिया कहते हैं। जैसे-खाता है, सोना है, पढ़ता है, जाता है, आता है आदि।
Verb:- The words with which to do or be understood are called verbs.
For example: eats, sleeps, reads, goes, comes etc.
-------------------*---------------------
5) क्रिया-विशेषण:- जिन शब्दों से क्रिया की विशेषता का बोध होता है उन्हें क्रियाविशेषण कहते हैं। जैस - वह धीरे-धीरे चलता है। इस वाक्य में 'चलता' क्रिया है और 'धीरे-धीरे' उसकी विशेषता बता रहा है। अतः 'धीरे-धीरे' क्रियाविशेषण है।
Adverbs:- Words which indicate the characteristics of a verb are called adverbs.
For example: He walks slowly. In this sentence 'walking' is the verb and 'slowly' is describing its characteristic. Hence 'slowly' is an adverb.
6) संबंधबोधक:- जो शब्द संंज्ञा या सर्वनाम का संबंध वाक्य के अन्य शब्दों के साथ बताते हैं उन्हें संबंधबोधक कहते हैं।
जैस:- तुम्हारे घर के पीछे बगीचा है। राधा ठंड के मारे कांप रही है। हमारे घर के सामने विद्यालय है। पुल के ऊपर ट्रक जा रहा था।
इन वाक्यों में ‘के पीछे’, ‘के मारे’, ‘के ऊपर’ तथा ‘के सामने’ का संबंध क्रमश: ‘बगीचा’, ‘ठंड’, ‘ट्रक’ तथा ‘विद्यालय’ शब्दों का संबंध पूरे वाक्य से जोड़ रहे हैं, अत: ये शब्द संबंधबोधक अव्यय हैं।
Preposition:- The words which show the relation of noun or pronoun with other words of the sentence are called Preposition.
For example: There is a garden behind my house. Maya is trembling with the cold. There is a school in front of our house. The truck was going over the bridge.
In these sentences, the relation of 'behind', 'behind', 'above' and 'in front of' the words 'garden', 'cold', 'truck' and 'school' respectively are related to the whole sentence. , so these words are relative clauses.
7) समुच्चयबोधक :- जो शब्द दो या दो से अधिक शब्द, वाक्य या वाक्यांशों को जोड़ने का काम करता हैं, उन्हें समुच्चयबोधक शब्द कहते हैं।
मदन ने कड़ी मेहनत की और सफल हुआ।
किरण बहुत तेज़ दौड़ी लेकिन प्रथम नहीं आ सकी।
इन वाक्यों में और, लेकिन, शब्द दो वाक्यांशों को जोड़ने का काम कर रहे हैं। अंत: ये शब्द समुच्चयबोधक हैं।
Conjunctions:- The words which work to join two or more words, sentences or phrases are called coordinating words.
Madan worked hard and succeeded.
Kiran ran very fast but could not come first.
The words and, but, in these sentences serve to connect two phrases. Finally, these words are conjunctions.
8) विस्मयादिबोधक:- जो शब्द वाक्य में आश्चर्य, हर्ष, शोक, घृणा आदि भाव व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त हों, वे विस्मयादिबोधक कहलाते हैं। ऐसे शब्दों के साथ विस्मयादिबोधक चिन्ह (!) का प्रयोग किया जाता है। जैसे: अरे!, ओह!, शाबाश!, काश! आदि।
8) Exclamation:- The words which are used in the sentence to express the feelings of surprise, joy, sorrow, disgust, etc., are called exclamations. An exclamation mark (!) is used with such words. Eg: Hey!, Oh!, Well done!, Alas! etc.
-------------------*---------------------
इन उपर्युक्त आठ प्रकार के शब्दों को भी विकार की दृष्टि से दो भागों में बाँटा जा सकता है-
1. विकारी
2. अविकारी
1. विकारी शब्द : जिन शब्दों का रूप-परिवर्तन होता रहता है वे विकारी शब्द कहलाते हैं। जैसे-कुत्ता, कुत्ते, कुत्तों, मैं मुझे, हमें अच्छा, अच्छे खाता है, खाती है, खाते हैं।
इनमें संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया विकारी शब्द हैं।
2. अविकारी शब्द : जिन शब्दों के रूप में कभी कोई परिवर्तन नहीं होता है वे अविकारी शब्द कहलाते हैं। जैसे-यहाँ, किन्तु, नित्य और, हे अरे आदि। इनमें क्रिया-विशेषण, संबंधबोधक, समुच्चयबोधक और विस्मयादिबोधक आदि हैं।
-------------------*---------------------