कारक
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रुप से उसका संबंध वाक्य के दूसरे शब्दों से पता चले, वह कारक है।
(जो क्रिया की उत्पत्ति में सहायक हो, उसे 'कारक' कहा जाता है।)
कारक के आठ भेद
1. कर्त्ता
5. अपादान
2. कर्म
6. सम्बन्ध
3. करण
7. अधिकरण
4. सम्प्रदान
8. सम्बोधन
कारक को प्रकट करने वाले शब्द कारक चिन्ह या परसर्ग कहलाता है।
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1. कर्ता कारक - ने
* काम करने वाले को 'कर्त्ता' कारक कहते हैं। जैसे:—अमर ने पीटा है इस वाक्य में पीटने का काम अमर ने किया है। अतः इस वाक्य का कर्त्ता 'अमर' है।
नोट- कौन करता है? प्रश्न से जो उत्तर निकलता है, उसे कर्त्ता कहा जाता है। कर्त्ता के चिह्न 'ने' और शून्य'0' हैं ।
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2. कर्म कारक - को
* जिस पर काम का फल पड़ता है, उसे 'कर्म' कारक कहते हैं। जैसे:— अमर ने रोहन को मारा। इस वाक्य में मारने का फल रोहन पर पड़ता है, अतः रोहन वाक्य का 'कर्म' है। कर्म के चिह्न' को ' और शून्य '0' हैं।
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3. करण कारक - से
* कर्ता जिस साधन से काम करता है, उसे 'करण' कारक कहते हैं
जैसे:— राधा चाकू से अमरूद काटती है। यहाँ काटने का साधन चाकू है, अतः 'चाकू' करण कारक में है। करण कारक का चिह्न ' से ' है ।
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4. सम्प्रदान कारक - को / के लिए
* कर्त्ता जिसके लिए काम करता है, उसे 'सम्प्रदान' कारक कहते हैं।
जैसे:— अर्जुन ने धर्म की रक्षा के लिए दुर्योधन को मारा। यहाँ कर्त्ता धर्म की रक्षा के लिए काम करता है, अतः धर्म की 'रक्षा' में सम्प्रदान कारक है। सम्प्रदान कारक के चिह्न 'को' और 'के लिए' हैं ।
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5. अपादान कारक - से (अलग होना)
* जिससे किसी वस्तु की जुदाई या अलगाव समझा जाय, उसे
'अपादान' कारक कहते हैं।
जैसे:— पेड़ से पत्ते गिरते हैं / पत्ते पेड़ से गिरते हैं। इस वाक्य में पेड़ से पत्ते अलग होते हैं, अतः यहाँ 'पेड़' में अपादान कारक है । अपादान का चिह्न' से ' है।
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6. संबंध कारक - का, के, की
* सम्बन्ध - जिससे एक शब्द का सम्बन्ध दूसरे शब्द से ज्ञात हो, उसे संबंध कारक कहा जाता है।
जैसे:— मैं बिहार का नागरिक हूं। इसमें 'नागरिक' का सम्बन्ध बिहार से है,
अतः 'बिहार' में सम्बन्ध कारक है। सम्बन्ध के चिह्न' का', 'के', 'की' हैं।
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7. अधिकरण कारक - में, पर
* क्रिया जिस स्थान पर हो, उसे 'अधिकरण' कारक कहते हैं।
जैसे – बच्चा पलंग पर सो रहा है। इसमें सोने का काम पलंग पर हो रहा है, अतः 'पलंग पर' अधिकरण कारक है। अधिकरण कारक के चिह्न' में', 'पर' हैं ।
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8. सम्बोधन कारक। - हे!, अरे!
* पुकारने, चिल्लाने या सम्बोधित करने को 'सम्बोधन' कारक कहा जाता है। जैसे—अरे राम!, हे कृष्ण! आदि सम्बोधन कारक हैं। सम्बोधन के चिह्न हे 'अरे' हैं।
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आठ कारकों वाला वाक्य
हे कृष्ण! अर्जुन ने दुर्योधन को हस्तिनापुर से जाकर कुरुक्षेत्र में धर्म की रक्षा के लिए तीर से मारा।
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