वाणी और कर्म में तालमेल होना चाहिए
हार की जीत
हार की जीत ह्रिदय परिवर्तन की कहानी है। अद्भुत एवं तीव्र गति तथा मनोहारी रूप वाले सुलतान नाम के घोड़े पर डाकू खड़्गसिंह का माना जाता है और युक्ति पूर्वक वह घोड़े को ले भागता है किंतु खड़्गसिंह डाकू का मन बाबा भारती के एक वाक्य से विह्वल उठता है और उसका ह्रदय पूर्णत: परिवर्तित हो जाता है। वह बाबा भारती को घोड़ा वापस लौटा देता है। वह हिंसक डाकू से अच्छा इंसान बन जाता है।
गांधी जी - शास्त्री जी की ये बातें सिखाती हैं जीवन जीने की कला । 2 अक्टूबर को देश की दो महानविभूतियों महात्मा गांधी (2 अक्टूबर 1869 ) और लालबहादुर शास्त्री ( 2 अक्टूबर 1904) ने जन्म लिया था। इन दोनों स्वतंत्रता सेनानियों ने देश को ब्रिटिश हुकूमत से आजाद कराने में अतिमहत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बापू ने हमें 'सत्य और अहिंसा' के मार्ग पर चलना सिखाया, तो शास्त्री जी ने 'जय जवान-जय किसान' का नारा दिया। जो जीवन जीने की कला सिखाते हैं। आइये आपको गांधी जी और शास्त्री जी के कुछ ऐसे ही विचारों से रूबरू कराते हैं। * ऐसे जिएं जैसे कि आपको कल मरना है और सीखें ऐसे, जैसे आपको हमेशा जीवित रहना है। * डर शरीर की बीमारी नहीं है, यह आत्मा को मारता है। * विश्वास करना एक गुण है, अविश्वास दुर्बलता की जननी। * जो समय बचाते हैं वे धन बचाते हैं और बचाया धन, कमाए हुए धन के समान महत्वपूर्ण है। * आंख के बदले आंख पूरे विश्व को अंधा बना देगी। * आजादी का कोई मतलब नहीं यदि इसमें गलती करने की आजादी शामिल न हो। * प्रसन्नता ही एकमात्र ऐसा इत्र है, जिसे आप दूसरों पर छिड़ते हैं तो कुछ बूंदे...