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करके कुकर्म अपने कुल में जो कालिमा का दाग लगादे ऐसा संताने जन्म लेते ही मर जाए तो अच्छा है।

हम अपने देश की स्वतंत्रता  /............ दिवस पर अपने देश या मानव समाज पर हुए कुकृत्य स्वभाव की चर्चा करते हैं। जिससे नाटक के माध्यम से दिखाकर या दिखाकर, वक्तव्य के माध्यम से सुनकर या सुन कर, हमारे रोंगटे खड़े हो जाते हैं संध्या उपरांत हमारे हृदय की ज्वालामुखी समुद्र की गहराइयों में गोता मार शांत हो जाता है। लेकिन समाज या देश का इससे क्या भला होने वाला है?
हमारा देश सदैव दूसरों को शांति और ज्ञान का उपदेश देता रहा है, मगर आज देश अशांत है क्यों? इसके उपदेश में वह ताकत क्यों नहीं है? यह सिर्फ सुनने और देखने तक ही सीमित होकर क्यों रह गया है? सबसे बड़ी समस्या है विद्या, मोटी मोटी पुस्तकों को हिंदी या अंग्रेजी में पढ़ लेना, इंटरनेट का इस्तेमाल कर लेना, चांद या अन्य ग्रहों पर पहुंच जाना ही अगर विद्या है तो इस समाज में गरीब बच्चे, बच्चियों, बड़े बुजुर्गों पर या समाज के वे सभी असहाय लोगों पर अत्याचार क्यों? अगर हम अपने शास्त्रों या पूर्वजों की विचारों का अध्ययन करें तो विद्या का परिभाषा आज से कुछ अलग है। पहले विद्या में शिक्षा के साथ-साथ संस्कार का समावेश आवश्यक था।
आज हम बच्चों को शिक्षा अनेक भाषाओं, वैज्ञानिक तकनीकों आदि के माध्यम से दे रहे हैं। शिक्षा तो बड़ी है सूचना जगत में जानकारियों का विस्फोट हुआ है। बच्चों का ज्ञान विकसित हुआ है। बच्चे पढ़ लिख कर डॉक्टर इंजीनियर या बड़े बड़े पद को प्राप्त कर रहे हैं जिनको बनाने में मां बाप अपने कमाई की पूरी पूंजी यानी मासिक वेतन ईपीएफ पेंशन ग्रेच्युटी आदि सभी झोंक देते हैं और संतान बड़ा हो नौकरी करता है तो उससे अपने मां बाप ही नहीं संभाले जाते हैं। मां बाप के आंखों से अंधकार रूपी पट्टी जब तक हटता है उस समय वह कंगाल हो गए रहते हैं।
इसलिए विद्या की महत्ता जितनी भी बताई जाए कम है इन के दो पहलू हैं शिक्षा और संस्कार। आज देश की सबसे बड़ी कठिन समस्या है सुसंस्कार युक्त शिक्षा, तकनीकी और गैर तकनीकी दोनों क्षेत्रों में भारत का डंका बज रहा है। पर हम क्या श्रेष्ठ मानव महामानव तैयार कर पा रहे हैं? देश के विचारशील मनुष्य को शिक्षा में विद्या के दूसरे पहलू संस्कार के अभाव की पूर्ति को अपने जिम्मे लेना चाहिए क्योंकि शिक्षा अगर फूल है तो संस्कार उसका सुगंध है।
शिक्षा तो हमें विद्यालयों से मिल जाती है लेकिन संस्कार अपने शिक्षकों, परिवार के बड़े बुजुर्गों और समाज से प्राप्त होते हैं लेकिन इसके एक भी पग डगमग हुए तो शिक्षित मनुष्य भी संस्कार के अभाव में क्रूर मानव का रूप धारण कर लेता है।
संतान प्राप्ति की आकांक्षा और उसके प्रति आकर्षण लगभग हर परिवार में पाया जाता है। भारतवर्ष में इससे सौभाग्य और पुण्य का प्रतीक माना जाता है किंतु यदि थोड़े बारीकी से देखा जाए और चिंतन किया जाए तो स्पष्ट हो जाता है कि संतान का होना सौभाग्य एवं सद्गति ही नहीं दुर्भाग्य और दुर्गति का कारण भी हो सकता है।
संतान को जन्म देने का उद्देश्य परिवार के श्रेष्ठ सदस्य और समाज को उत्कृष्ट नागरिक प्रदान करना है यदि बच्चों में शारीरिक और मानसिक विकास करने की क्षमता अपने अंदर नहीं है तो संतान पैदा करना अपने लिए मुसीबत और समाज के लिए भार बढ़ाना है
सद्भावना हृदय में भर जाए तो अच्छा है 
विद्या, बल और पौरूष से इस वसुंधरा की नेकी कर जाए तो अच्छा है
लेकिन करके कुकर्म अपने कुल में जो कालिमा का दाग लगादे ऐसा संताने जन्म लेते ही मर जाए तो अच्छा है।

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2 October * ये बातें सिखाती हैं

गांधी जी - शास्त्री जी की ये बातें सिखाती हैं जीवन जीने की कला । 2 अक्टूबर को देश की दो महानविभूतियों महात्मा गांधी (2 अक्टूबर 1869 ) और लालबहादुर शास्त्री ( 2 अक्टूबर 1904) ने जन्म लिया था। इन दोनों स्वतंत्रता सेनानियों ने देश को ब्रिटिश हुकूमत से आजाद कराने में अतिमहत्वपूर्ण भूमिका निभाई।  बापू ने हमें 'सत्य और अहिंसा' के मार्ग पर चलना सिखाया, तो शास्त्री जी ने 'जय जवान-जय किसान' का नारा दिया। जो जीवन जीने की कला सिखाते हैं। आइये आपको गांधी जी और शास्त्री जी के कुछ ऐसे ही विचारों से रूबरू कराते हैं। * ऐसे जिएं जैसे कि आपको कल मरना है और सीखें ऐसे, जैसे आपको हमेशा जीवित रहना है। * डर शरीर की बीमारी नहीं है, यह आत्मा को मारता है।  * विश्वास करना एक गुण है, अविश्वास दुर्बलता की जननी।  * जो समय बचाते हैं वे धन बचाते हैं और बचाया धन, कमाए हुए धन के समान महत्वपूर्ण है।  * आंख के बदले आंख पूरे विश्व को अंधा बना देगी। * आजादी का कोई मतलब नहीं यदि इसमें गलती करने की आजादी शामिल न हो। * प्रसन्नता ही एकमात्र ऐसा इत्र है, जिसे आप दूसरों पर छिड़ते हैं तो कुछ बूंदे...

List of Union Territories and all states of India in 2022.

State                                      Capital 01. Andhra Pradesh.        Hyderabad 02. Arunachal Pradesh.   Itanagar 03. Assam.                        Dispur 04. Bihar.                            Patna 05. Chhattisgarh.              Raipur 06. Goa.                              Panaji 07. Gujarat.                        Gandhinagar 08. Haryana.                      Chandigarh 09. Himachal Pradesh.     Shimla 10. Jharkhand.                   Ranchi ...

स्वर सन्धि

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