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जात पात और धर्म से ऊपर उठकर अपनी चट्टानी एकता का परिचय देना होगा।

आज 15 अगस्त है 
15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में हम सभी मनाते हैं क्योंकि आज ही के दिन लगभग 200 वर्षों के गुलामी के बाद भारतीय नौजवानों के अथक प्रयास और असंख्य कुर्बानियों के बदौलत हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ और आजादी के दीवानों का कहना है था 
आजाद रहा देश तो फिर उम्र बड़ी है
मंदिर भी है मस्जिद भी है गिरजा भी खड़ी है
संग्राम बिना जिंदगी आंसुओं की लड़ी है
आजाद रहा देश तो फिर उम्र पड़ी है।
साथियों
इस प्रकार आजादी हमें काफी कठिनाइयों का सामना करने के बाद प्राप्त हुआ है लेकिन आज हमारे समाज में चंद लोगों के कारण विषमता आ गई है आज भारतीय समाज में जात पात और धर्म का ढिंढोरा पीटा जा रहा है इसी का परिणाम है कि सरहद के पार से आए हुए आतंकवादी हमारे देश में आतंक फैला रहे हैं मगर हम हिंदुस्तानियों को एकजुट होकर जात पात और धर्म से ऊपर उठकर अपनी चट्टानी एकता का परिचय देना होगा।
हम शीश झुकाएंगे न फरियाद करेंगे 
जो हम से लड़ेगा उसे बर्बाद करेंगे।
भारत हमेशा शांति का पक्षधर रहा है लेकिन हमारे पड़ोसियों ने हमेशा युद्ध के लिए ललकारा है हमेशा हमारी शांति को भंग किया है 1962 में चीन ने 1965 में पाकिस्तान पुनः 19 सौ 97 में पाकिस्तान तथा फिर 1999 में कारगिल युद्ध लेकर हमारे जांबाज सिपाहियों ने मुंह तोड़ जवाब दिया कि दुश्मनों की मुंह की खानी पड़ी।
जली को आग कहते हैं बुझी को राख कहते हैं।
उसमें से जो बारूद निकलता है उसे शेर-ए-हिंदुस्तान कहते हैं।
इतना ही कह कर मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं। 
जय हिंद, जय भारत, हिंदुस्तान जिंदाबाद!

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