Skip to main content

1. वर्ण-विचार । वर्ण विचार व्याकरण का वह भाग है जिसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार के वर्णों का अध्ययन किया जाता है।

 * "व्याकरण वह शास्त्र है जिसके पढ़ने से मनुष्य स्पष्ट रूप से लिखना, पढ़ना और बोलना सीखता है।"

हिन्दी व्याकरण के मुख्यतः तीन भेद हैं :

1. वर्ण-विचार ।     
वर्ण विचार व्याकरण का वह भाग है जिसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार के वर्णों का अध्ययन किया जाता है।

2. शब्द-विचार ।    
शब्द विचार व्याकरण का वह भाग है जिसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार के शब्दों का अध्ययन किया जाता है।

3. वाक्य-विचार।   
वाक्य विचार व्याकरण का वह भाग है जिसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार के वाक्यों का अध्ययन किया जाता है।


1. वर्ण-विचार । 
वर्णों के समूह को वर्णमाला कहते हैं।
हिंदी वर्णमाला में कुल 11 + 33 + 4 + 2 + 2 = 52 वर्ण होते हैं। 
स्वर वर्ण -11, व्यंजन वर्ण - 33 
{स्पर्श व्यंजन 25 + अंत:स्थ व्यंजन - 4 (य, र, ल, व) + ऊष्म व्यंजन - 4 (श, ष, स, ह)}
संयुक्ता व्यंजन - क्ष, त्र, ज्ञ, श्र =4,
अयोगवाह- अं और अः = 2, 
आधुनिक हिंदी में - ड़, ढ़ = 2   

वर्णों के दो भेद हैं    
(क). स्वर वर्ण    
(ख). व्यंजन वर्ण
स्वर वर्ण के तीन भेद होते हैं- ह्रस्व, दीर्घ, प्लुत।
व्यंजन वर्ण के तीन भेद होते हैं- स्पर्श, अंत:स्थ, ऊष्म।


 (क). स्वर वर्ण 
स्वर वर्ण :- जिन वर्णों का उच्चारण स्वयं हो यानी दूसरे वर्ण की सहायता न लेनी पड़े, उस वर्ण को स्वर कहते हैं। 
जैसे :- अ,आ,इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ 
स्वर वर्ण कुल 11होते हैं 

उच्चारण के विचार से स्वर के तीन भेद होते हैं।
‌1.ह्रस्व स्वर :- जिन स्वरों के उच्चारण में एक मात्रा का समय लगे, उन्हें ह्रस्व स्वर कहते हैं।
 जैसे :- अ, इ, उ, ऋ ।

‌2. दीर्घ स्वर :- जिन स्वरों के उच्चारण में दो मात्राओं का समय लगे, उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं। 
जैसे:- आ, ई, ऊ।
(दीर्घ स्वरों का उच्चारण ह्रस्व की अपेक्षा लंबा और 
ऊंचा होता है।)

‌3. प्लुत स्वर :- जिन स्वरों के उच्चारण में तीन मात्राओं का समय लगे, उसे प्लुत स्वर कहा जाता है।
 जैसे :- हे राम, ॐ ।
(इनका प्रयोग प्रायः पुकारने या चिल्लाने में होता है)

‌स्वर के प्रतिनिधि रूप को मात्रा कहते हैं।
आ =‍ा , इ = ि, ई =ी, उ =ु , ऊ=ू ऋ=ृ , ए=े , ऐ=ै , ओ=ो, औ=ौ, अं=ं , अ:=:

स्वरों की मात्राएँ
'अ' स्वर को छोड़कर सभी स्वरों की मात्राएँ होती हैं। जब व्यंजनों के साथ स्वरों को मिलाकर लिखा जाता है तब स्वरों के मात्रा रूप का प्रयोग किया जाता है।

स्वर = मात्रा मात्रा का व्यंजन के साथ प्रयोग
अ - क् + अ = कलम
आ =‍ा क् + आ = काजल
इ = ि क् + इ = किताब
ई =ी, क् + ई = कीमत
उ =ु क् + उ‌ = कुछ
ऊ=ू क् + ऊ = कूद
ऋ=ृ क् + ॠ = कृष्ण
ए=ेे क् + ए = केला
ऐ=ैै क् + ए = कैसा 
ओ=ो क् + ओ= कोयला
औ=ौ क् + औ= कौन 


  (ख). व्यंजन वर्ण :
व्यंजन वर्ण: जिन वर्णों का उच्चारण स्वर वर्ण की सहायता से हो उससे व्यंजन वर्ण कहते हैं।
उच्चारण के विचार से व्यंजन वर्ण के तीन भेद होते हैं- स्पर्श, अंत:स्थ, ऊष्म।

स्पर्श वर्ण: जिन व्यंजन वर्णों के उच्चारण में जीभ या मुख के किसी न किसी भाग को स्पर्श करें उन्हें स्पर्श व्यंजन वर्ण कहते हैं । 
क वर्ग, च वर्ग, ट वर्ग, त वर्ग, प वर्ग स्पर्श वर्ण कुल 25 है।

अंत:स्थ वर्ण: जिन व्यंजन वर्णों के उच्चारण में जीभ का पूरी तरह से मुख के किसी भी भाग से स्पर्श नहीं हो, उसे अंतस्थ व्यंजन कहते हैं।
य, र, ल और व अंत:स्थ वर्ण कुल 4 है।

ऊष्म वर्ण: जिन व्यंजन वर्णों के उच्चारण में मुख से गरम श्वास निकले, उसे ऊष्म व्यंजन कहते हैं।
श, ष, स और ह ऊष्म वर्ण कुल 4 है।

संयुक्त व्यंजन: एक से अधिक व्यंजनों के मेल से बने व्यंजनों को संयुक्त व्यंजन कहते हैं।
क्ष, त्र, ज्ञ और श्र संयुक्त व्यंजन कुल 4 है।

-------------------------------------------

ऊष्म वर्ण: जिन व्यंजन वर्णों के उच्चारण में मुख से गरम श्वास निकले, उसे ऊष्म व्यंजन कहते हैं।
श, ष, स और ह ऊष्म वर्ण कुल 4 है।

संयुक्त व्यंजन: एक से अधिक व्यंजनों के मेल से बने व्यंजनों को संयुक्त व्यंजन कहते हैं।
क्ष, त्र, ज्ञ और श्र संयुक्त व्यंजन कुल 4 है।

-------------------------------------------


ऊष्म वर्ण: जिन व्यंजन वर्णों के उच्चारण में मुख से गरम श्वास निकले, उसे ऊष्म व्यंजन कहते हैं।
श, ष, स और ह ऊष्म वर्ण कुल 4 है।

संयुक्त व्यंजन: एक से अधिक व्यंजनों के मेल से बने व्यंजनों को संयुक्त व्यंजन कहते हैं।
क्ष, त्र, ज्ञ और श्र संयुक्त व्यंजन कुल 4 है।

-------------------------------------------
               

Popular posts from this blog

2 October * ये बातें सिखाती हैं

गांधी जी - शास्त्री जी की ये बातें सिखाती हैं जीवन जीने की कला । 2 अक्टूबर को देश की दो महानविभूतियों महात्मा गांधी (2 अक्टूबर 1869 ) और लालबहादुर शास्त्री ( 2 अक्टूबर 1904) ने जन्म लिया था। इन दोनों स्वतंत्रता सेनानियों ने देश को ब्रिटिश हुकूमत से आजाद कराने में अतिमहत्वपूर्ण भूमिका निभाई।  बापू ने हमें 'सत्य और अहिंसा' के मार्ग पर चलना सिखाया, तो शास्त्री जी ने 'जय जवान-जय किसान' का नारा दिया। जो जीवन जीने की कला सिखाते हैं। आइये आपको गांधी जी और शास्त्री जी के कुछ ऐसे ही विचारों से रूबरू कराते हैं। * ऐसे जिएं जैसे कि आपको कल मरना है और सीखें ऐसे, जैसे आपको हमेशा जीवित रहना है। * डर शरीर की बीमारी नहीं है, यह आत्मा को मारता है।  * विश्वास करना एक गुण है, अविश्वास दुर्बलता की जननी।  * जो समय बचाते हैं वे धन बचाते हैं और बचाया धन, कमाए हुए धन के समान महत्वपूर्ण है।  * आंख के बदले आंख पूरे विश्व को अंधा बना देगी। * आजादी का कोई मतलब नहीं यदि इसमें गलती करने की आजादी शामिल न हो। * प्रसन्नता ही एकमात्र ऐसा इत्र है, जिसे आप दूसरों पर छिड़ते हैं तो कुछ बूंदे...

List of Union Territories and all states of India in 2022.

State                                      Capital 01. Andhra Pradesh.        Hyderabad 02. Arunachal Pradesh.   Itanagar 03. Assam.                        Dispur 04. Bihar.                            Patna 05. Chhattisgarh.              Raipur 06. Goa.                              Panaji 07. Gujarat.                        Gandhinagar 08. Haryana.                      Chandigarh 09. Himachal Pradesh.     Shimla 10. Jharkhand.                   Ranchi ...

स्वर सन्धि

* स्वर सन्धि * दो स्वर वर्णों के मिलने से जो विकार उत्पन्न होता है, उसे स्वर सन्धि कहते है। पुस्तक + आलय = पुस्तकालय यहाँ 'पुस्तक' शब्द का अंतिम स्वर 'अ' (क = क्+अ) एवं 'आलय' शब्द का पहला स्वर 'आ' दोनों स्वरों के मिलने (अ+आ) से 'आ' स्वर की उत्पत्ति होती है, जिससे पुस्तकालय शब्द का निर्माण हुआ स्वरों के ऐसे मेल को स्वर संधि कहते हैं। स्वर सन्धि के पाँच भेद हैं : 1. दीर्घ सन्धि 2. गुण सन्धि 3. वृद्धि सन्धि 4. यण् सन्धि 5. अयादि सन्धि । 1. दीर्घ सन्धि दीर्घ सन्धि : ह्रस्व स्वर या दीर्घ स्वर के आपस में मिलने से यादि सवर्ण यानि उसी जाति के दीर्घ स्वर की उत्पत्ति हो तो उसे दीर्घ स्वर कहते हैं। अ / आ + अ / आ = आ       इ / ई + इ / ई = ई उ / ऊ + उ / ऊ = ऊ            जैसे:- 1.'अ / आ' के साथ 'अ / आ' हो तो 'आ' बनता है (अ + अ = आ)  हिम + अचल = हिमाचल। (अ + आ = आ)  रत्न + आकर = रत्नाकर    (आ + अ = आ)  विद्या + अर्थी = विद्यार्थी     (आ + आ = आ) वि...